
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस की उत्पत्ति का मुद्दा हर दिन जोर पकड़ता जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक अब कानूनविदों की एक इकाई ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) से गुजारिश की है कि वह कोरोना के संबंध में सभी वैज्ञानिक और चिकित्सा जानकारियां और सूचनाएं जारी करे। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स (International Council of Jurists, ICJ) ने यह मांग अपने आधिकारिक बयान में की है।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स (International Council of Jurists, ICJ) ने एक बयान में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) से यह अपील करने का फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया गया है जिनमें कथित तौर पर कहा जा रहा है कि कोरोना की उत्पत्ति वुहान की एक प्रयोगशाला में हुई थी। आईसीजे ने डब्ल्यूएचओ से कहा है कि वह इस बाबत एक श्वेत पत्र जारी करे ताकि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर पूरी दुनिया में उठ रहे संदेहों और सवालों का जवाब मिल सके।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स (International Council of Jurists, ICJ) ने कहा है यदि श्वेत पत्र में उन सभी सूचनाओं को जारी किया जाता है तो इससे डब्ल्यूएचओ की विश्वसनीयता में इजाफा होगा। आईसीजे (International Council of Jurists, ICJ) ने विश्व स्वास्थ्य निकाय (World Health Organisation, WHO) के महानिदेशक को पत्र लिखकर अपील की है कि विभिन्न देशों में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है।
आईसीजे के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश सी अग्रवाल ने कहा कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर शंकाएं हैं। इतना ही नहीं इसके फैलने को लेकर विभिन्न वैज्ञानिक, चिकित्सा और पत्रकारिता की रिपोर्टें इस तरह की आशंकाओं और चिंताओं को मजबूती भी दे रही हैं। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ जुरिस्ट्स (International Council of Jurists, ICJ) ने यह भी कहा है कि जब चीन के वुहान प्रांत के एक बाजार से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तो दुनिया को समय पर इसकी जानकारी नहीं दी गई।