
उज्जैन, जेएनएन। रेमडेसिविर की कालाबाजारी के बाद अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई। कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को ब्लैक फंगस के इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में मुसद्दीपुरा के मेडिकल संचालक को गिरफ्तार किया है। शिकायत के बाद सीएसपी पल्लवी शुक्ला ग्राहक बनकर मानव इंटरप्राइजेस मेडिकल पहुंची थीं, जहां संचालक ने उन्हें इंजेक्शन 36 हजार रूपये में उपलब्ध करवाने को कहा था। पुलिस ने 16 इंजेक्शन जब्त किए हैं।
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को सीएसपी पल्लवी शुक्ला को मरीज की बहन बनाकर भेजा था। वहां मेडिकल संचालक जुगलकिशोर ने सीएसपी को भी एक इंजेक्शन 36 हजार रूपये में ही देने की बात कही। सीएसपी ने तीन इंजेक्शन के 1.08 लाख रूपये दिए तो जुगलकिशोर ने सीएसपी को तीन इंजेक्शन निकालकर दिए थे। इसके बाद कोतवाली पुलिस पहुंची और जुगलकिशोर को गिरफ्तार कर लिया।
एक लाख रूपये के इंजेक्शनों को साढ़े तीन लाख रूपये में बेच रहा था मेडिकल संचालक
जुगलकिशोर के पास से तीन एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन मिले हैं। एक इंजेक्शन की कीमत साढ़े सात हजार रूपये है, जिसे वह 36 हजार रूपये में बेच रहा था। एम्फोटेरेसिन लिपिड काम्प्लेक्स इंजेक्शन 10 जब्त किए हैं। एक इंजेक्शन की कीमत डेढ़ हजार रूपये है जिसे वह छह हजार रूपये में बेच रहा था, वहीं एक और एंटी फंगल इंजेक्शन कैसोफुंगिन एसीटेट जिसकी कीमत 15 हजार रूपये है जिसे संचालक 50 हजार रूपये में बेच रहा था। इनके तीन इंजेक्शन भी जब्त किए हैं। इन 16 इंजेक्शन का मार्केट में मूल्य एक लाख रूपये है जिसे संचालक साढ़े तीन लाख रूपये में बेच रहा था।
इन धाराओं में दर्ज किया केस
आरोपित के खिलाफ पुलिस ने धारा 269, 270, 53, 57, आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 3, महामारी अधिनियम की धारा 3, चोर बाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम 1980 धारा 5/13 मप्र ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।