प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के सदस्य श्याम सिंह पंवार की त्वरित कार्यवाही पर काउंसिल ने उठाया कदम
मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर मांगा जवाब
भोपाल: मध्य प्रदेश के रायसेन जिलेे के मंडीदीप थाना क्षेत्र में पत्रकार व उसके परिजनों पर दबंगों द्वारा किये कातिलाना हमले के मामले को प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया ने संज्ञान लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात को रायसेन जिला अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप निवासी पत्रकार अरविन्द सिंह जादौन और उनके परिवार के ऊपर दबंगों द्वारा लाठी डंडों और छूरी चाकू से कातिलाना हमला किया गया जिसमें उनको और परिजनों को गम्भीर रूप से चोटें आई हैं और सभी अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। सूत्रों द्वारा यह भी पता चला है कि नगर पालिका चुनाव से सम्बन्धित प्रत्याशी नारायण साहू के भ्रष्टाचार आदि से जुड़ी खबरों का प्रकाशन उनके द्वारा किया गया था जिसके चलते अरविन्द सिंह जादौन और उनके परिजनों पर नारायण साहू व उसके समर्थकों द्वारा कातिलाना हमला किया गया है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर कोई पत्रकार किसी के विरोध में खबर लिखता है तो क्या हमला करना ही एक विकल्प है? कानून व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया? सवाल यह भी उठता है कि क्या शासन की लचर कानून व्यवस्था के चलते ही अपराधियों एवं माफियाओं के हौंसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं? सुशासन की डींगे हांकने वालों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है क्या ?
इस पूरे प्रकरण में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के सदस्य श्याम सिंह पंवार की जानकारी में जैसे ही मामला सामने आया तत्काल ही उन्होंने प्रेस काउंसिल के संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवाया। मामले से अवगत होते ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर जवाब मांगा है।
इस पूरे प्रकरण में राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शीबू खान ने भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के सदस्य श्याम सिंह पंवार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए त्वरित कार्यवाही की मांग की है वहीं प्रेस फ्रीडम डे के अवसर पर शासन – प्रशासन की निंदा करते हुए श्री खान ने समूचे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू किए जाने की मांग की है तथा पीड़ित पत्रकार एवं उसके परिवार के साथ न्याय करने की आवाज उठाई है।