– सात दिवसीय 2200 किलोमीटर की बुंदेलखंड यात्रा का हुआ समापन

– जल जंगल जमीन जन जीव बचे राज्य बुंदेलखंड बने की भरी हुंकार

– सात दिवसीय 2200 किलोमीटर की बुंदेलखंड यात्रा समापन के मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी जानकारी

फतेहपुर: वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के जयंती की पूर्व संध्या पर गुरसंडी धाम, धाता से निकली सात दिवसीय बुंदेलखंड यात्रा का गुरुवार को खागा कस्बा पहुंचकर समापन हुआ। यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने जीटी रोड स्थित एक प्रतिष्ठान पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर जानकारी दी।
बीआरएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि पृथक बुंदेलखंड राज्य का आंदोलन अब केवल किसी एक संगठन का नहीं रहा, बुंदेलखंड क्षेत्र के विभिन्न जनपदों की यात्रा में यह स्पष्ट हो चुका है। बांदा, चित्रकूट, महोबा, राठ, हमीरपुर, मौदहा, दतिया, छतरपुर आदि जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों में युवाओं का उत्साह और बुद्धजीवियों की सहभागिता से स्पष्ट हो रहा था कि अब यह आंदोलन जन-जन का हो चुका है। यात्रा के दौरान व्यापारिक, सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों, विद्यार्थियों, आर्थिक व सामाजिक विषयों के जानकार आदि सभी ने भरपूर समर्थन किया। महाेबा में तारा पाटेकर का सानिध्य ऊर्जा प्रदान करने वाला रहा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए जारी संघर्ष अब सफलता की ओर बढ़ रहा है। राठ में ब्रम्हलीन संत श्री ब्रम्हानंद जी की समाधि स्थल पर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग के लिए खून से खत लिखने का जो कार्यक्रम हुआ, वह अब तक के कार्यक्रमों से एकदम अलग था, यहां युवाओं ने कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया। हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र चंदेल ने संसद के शीत सत्र में एक बार पुन: अलग बुंदेलखंड राज्य पर चर्चा का भरोसा दिलाया। छतरपुर व टीकमगढ़ में हुए आयोजन बेहद भव्य रहे। राज्य आंदोलन के जनक व प्रेरणास्रोत शंकरलाल मेहरोत्रा की पुण्य तिथि पर उन्हें नमन करने के साथ ही स्वयंसेवकों ने उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। चंदेल राज्य कैरी का किला देखने गए तो वहां मौजूद लोगों ने ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की गुहार लगाई। ग्रामीणों को समिति की ओर से आश्वस्त किया गया है कि प्राचीन किले का इतिहास संजोने के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी। चित्रकूट में पैश्वनी नदी की आरती के समय नदी, जल व स्वच्छता की लोगों ने शपथ ली। 2200 किलोमीटर की सात दिवसीय यात्रा पर जानकारी देते हुए केंद्रीय अध्यक्ष ने एक बार पुन: भरोसा जताया कि आंदोलन अपनी मुख्य धारा में है। केंद्र सरकार को अब इस बारे में चिंता करनी होगी।
इस दौरान प्रवक्ता देव त्रिपाठी, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ला, अवधेश मिश्रा, अंशू सिंह परमार, जनार्दन त्रिपाठी सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहें।

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