- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत जीटी रोड से बुधवन बरकतपुर अल्लीपुर भादर रोड का हुआ है निर्माण
- बुदवन ग्राम पंचायत का नाम बोर्ड में बुधवन होने से ग्रामीणों में कहीं न कहीं दिखी है नाराजगी
- सहायक अभियंता वीरेन्द्र कुमार ने बताई प्रत्येक बिंदु पर सच्चाई
फतेहपुर: पूर्व में जिला पंचायत द्वारा अनुमोदित किया गया जीटी रोड से बुदवन, बरकतपुर, अल्लीपुर भादर, शोहदमऊ, हरदासपुर सानी ग्राम पंचायतों से होते हुए कस्बा प्रेमनगर को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण (उच्चीकरण कार्य) पूर्ण हो गया जिसके बाद लोगों का आवागमन भी सुचारू रूप से शुरू हो गया। लेकिन सड़क निर्माण के बाद बुदवन ग्राम पंचायत में कार्यदायी संस्था व ठेकेदार द्वारा लगाई गयी ग्राम के नाम के बोर्ड से लोगों को एतराज होने लगा क्यूंकि बुदवन की बजाय बुधवन जो लिखाया गया। हांलाकि ग्रामीणों ने इसकी शिकायत बीते दिनों हुए सड़क के अनावरण कार्यक्रम में शिरकत करने आईं जिले की सांसद व केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से भी की जिसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित संबंधित विभागीय अधिकारियों को बुधवन का नाम सुधारकर वास्तविक नाम बुदवन कराने का निर्देश भी दिया था लेकिन न तो बोर्ड बदला और न ही नाम का सुधार हुआ।
बताते चलें कि राजस्व व पंचायतीराज के अभिलेखों में इस गाँव का नाम बुदवन ही दर्ज है लेकिन न जाने किस त्रुटि के चलते प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी या यूं कहें कि उच्चीकरण कार्य में कार्य का नाम – जी टी मार्ग से बुधवन बरकतपुर अल्लीपुर भादर रोड का रिकॉर्ड पाया गया और इसी तर्ज पर बुधवन का बोर्ड भी लगा जिसके बाद ग्रामीणों में गाँव के नाम पर एतराज व सवाल पैदा होने शुरू हुए इतना ही नहीं लोगों ने तो ये भी कहना शुरू कर दिया कि विभाग ने तो नया गाँव ही पैदा कर दिया या विभाग ने तो गाँव का नाम ही बिगाड़ कर रख दिया। इसी के अलावा इसी मार्ग पर आने वाले शोहदमऊ (मवई) व हरदासपुर सानी ग्राम पंचायत के लोगों का दर्द रहा कि हमारी ग्राम पंचायत का बोर्ड भी रोड पर नहीं लगाया गया।
जमीनी सतह पर उठते इन सभी सवालों के जवाब में पत्रकार शीबू खान ने गहन पड़ताल व जानकारी के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यालय जाकर जिम्मेदार अधिकारी से सारी समस्याओं पर वार्तालाप किया जिसका उत्तर देते हुए सहायक अभियंता (एई) वीरेन्द्र कुमार ने बड़ी सुगमता से बिन्दुवार जानकारी दी जिससे स्पष्ट हुआ कि कहाँ से क्या दिक्कत हुई व अब क्या होगा? बकौल सहायक अभियंता वीरेन्द्र कुमार, पूर्व में दिए गए प्रस्ताव पर ही सड़क का नाम में बुधवन लिखकर भेजा गया जिसके आधार पर ही शासन द्वारा कार्य योजना की स्वीकृत दी गई इसलिए अभिलेखों में सुधार नहीं हो सकेगा और बताया कि गाँव के पास लगाए गए बोर्ड में नाम सुधार के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया जा चुका है साथ ही बताया कि गाँव के दोनों छोर पर लगे बोर्ड नॉर्मल लोहे पर पेंट से लिखे हुए नहीं हैं बल्कि विशेष प्रकार के बोर्ड हैं जोकि लोकल से न आकर बाहर से आते हैं, जिसको जल्द ही नाम सुधार कर लगवाया जाएगा।
इस सबके साथ ही शोहदमऊ (मवई) व हरदासपुर सानी ग्राम पंचायत पर बोर्ड न लगाए जाने के सवाल पर बताया कि कार्य की स्वीकृति के समय ही कितने बोर्ड लगेंगे आदि भी पास होता है जिसमें जितने पास हुए हैं उतने सारे बोर्ड लगा दिए गएं हांलाकि उन्होंने कहा कि पंचायत के सामने बोर्ड ना होने का लोगों में दर्द नहीं होना चाहिए बल्कि ये खुशी होनी चाहिए कि हमको सुविधा क्या मिल गयी। इस मुद्दे पर और भी गंभीरता से उठ रहे सवाल पर भी उन्होंने बखूबी स्पष्टीकरण दिया जिसमें बड़ा सवाल ये था कि जीटी रोड पर लगे मील के पत्थर में प्रेमनगर की दूरी 12.390 किलोमीटर लिखा है जबकि लगे कार्य के बोर्ड पर सड़क की लंबाई 12.500 किलोमीटर दर्ज है तो इसके जवाब में बताया कि प्रस्ताव में सड़क की लंबाई 12.970 किलोमीटर भेजी गई थी जिसके आधार पर कार्ययोजना स्वीकृति हुई थी व 1431.49 लाख रुपये की धनराशि तय हुई थी जिसमें 858.89 लाख रूपए केन्द्र सरकार द्वारा व 572.60 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार द्वारा शेयर की गई थी। लेकिन वास्तविकता के आधार पर 12.390 किलोमीटर सड़क का निर्माण 1197.27 लाख रूपए की धनराशि से पूर्ण हुआ है जबकि 5 वर्ष के अनुरक्षण के लिए 119.65 लाख रुपये का बजट भी अनुमोदित हुआ है।