यूक्रेन में फंसे भारतीय नगारिकों को निकालने के लिए भारत की तरफ से ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 18 हजार भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। खास बात यह है कि इस भारत अपने नागरिकों को निकालने के साथ ही अपने पड़ोसी देशों, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, ट्यूनेशिया के साथ-साथ अन्य देशों के कई लोगों को भी बाहर निकाल रहा है।

ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत वापस लाए गए 18,000 भारतीय।

विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में बांग्लादेश के 9 नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन से बाहर निकाला गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से अपने 9 नागरिकों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। इस ऑपरेशन के तहत नेपाली, ट्यूनीशियाई छात्रों को भी बचाया गया है।

सूमी में फंसे 694 भारतीय छात्रों को भी निकाला गया।

इससे पहले, आपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसी पाकिस्तान की छात्रा आसमा शफीक को भी भारत ने रेस्क्यू किया है। जिसके बाद आसमा शफीक ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। आसमा जल्द ही अपने परिवार से मुलाकात करने वाली हैं। आसमा ने कहा मैं कीव में भारतीय दूतावास को धन्यवाद करना चाहती हूं। भारतीय दूतावास ने कठिन स्थिति में भी हमारा सपोर्ट किया है। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहती हूं। उम्मीद है कि हम भारतीय दूतावास की वजह से सुरक्षित घर पहुंच जाऊंगी।

बता दें कि पूर्वी यूक्रेन के सुमी में फंसे 694 भारतीय छात्रों को भी निकाल लिया गया है। वहां फंसे सभी भारतीय छात्रों को 12 बसों से पोल्टावा ले जाया गया है, जहां से वो भारत आएंगे। पोल्टावा से सुमी की दूरी 175 किमी है। इन छात्रों को निकाले के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से 50 मिनट और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की 35 मिनट की बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से वहां फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए समर्थन मांगा था।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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