- बीआरएस ने बीते दिनों एक मौरंग खदान में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट का लिया संज्ञान
- मतगणना के बाद इस मुद्दे पर बीआरएस छेड़ेगा आंदोलन
खागा फतेहपुर : आला-अधिकारी सब कुछ जानते हैं, इसके बाद भी अंजान बनकर नियमों की धज्जियां उड़ाकर नदियों से मौरंग, बालू निकालने वाले कारोबारियों को खुली छूट दिए हुए हैं। चुनाव का बहाने मौरंग कारोबारियों ने करोड़ों रुपये की काली कमाई कर डाली। अंधेरगर्दी पर अगर किसी ने रोशनी डालने की कोशिश की तो उसे मारपीट व धमकी देकर चुप कराने का सिलसिला बड़े ही जोरशोर से जारी है। बीते दिनों खागा क्षेत्र के एक मौरंग खदान में कवरेज के लिए गए पत्रकारों के ऊपर मौरंग खदान में काम करने वाले गुर्गों ने हमला कर दिया। पुलिस ने फजीहत का हवाला देकर मामला शांत करा दिया।
पीड़ित पक्ष के एक पत्रकार ने बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूरा घटनाक्रम बताया। जिसमे उन्होंने बताया कि खदान में बड़ी बूम वाली मशीनों से गहराई में खनन किया जाता है। एक-दो नहीं, 12-15 मशीनें मौरंग खनन में लगी हुई हैं। पानी में घुसकर मौरंग निकाल रही मशीनों का वीडियो बनाते समय खदान कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। चार पत्रकारों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया। पुलिस ने उक्त प्रकरण में खदान कर्मियों को थाने बुलाकर घंटों डराया-धमकाया। पत्रकारों द्वारा दी गई शिकायत के सापेक्ष कार्यवाही न करके पुलिस ने खदान संचालक की शिकायत दिखाते हुए झूठे आरोप में मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हुए मामला शांत करा दिया। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय का कहना था लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनपद में चल रही सभी मौरंग खदानों में लूट मची हुई है। मतगणना समाप्त होने के बाद इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई छेड़ी जाएगी। कर्मचारी हो या फिर अधिकारी जो भी इस काली कमाई के खेल में शामिल होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रहेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मौरंग खदानों में एनजीटी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कैमरे आसमान ताक रहे हैं, सचल दल गहरी नींद में सोया रहता है। स्थानीय पुलिस ओवरलोड गाड़ियों से वसूली करके सड़कों की हालत बिगाड़ने में सहयोग करती है। हरदों कार्यालय में हुई बैठक मेें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आंदोलन की रणनीत तय करते हुए स्वयंसेवकों को जिम्मेदारी दी।