खागा/फतेहपुर : देश के जाने माने शायर जौहर कानपुरी ने कहा कि किछौछा शरीफ के सैय्यद सलाहुद्दीन अदब के मसीहा हैं। जो दूर-दराज देशों में भी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए हिंदी और उर्दू की शाम के लिए समर्पित देश के कवियों और शायरों को कलाम पढ़ने का अवसर दे रहे हैं। श्री जौहर कानपुरी कानपुर जाते समय खागा में मीडिया से बात कर रहे थे। आजादी का अमृत महोत्सव का यह साहित्यिक कवि सम्मेलन एवं मुशायरा 22 जनवरी को दुबई में हो रहा है। सैय्यद सलाहुद्दीन कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के माध्यम से भारत की प्रतिष्ठा को निरंतर चार चांद लगा रहे हैं।
साहित्यिक सेवा के संदर्भ में चर्चा हुई तो उन्होंने बताया किछौछा शरीफ के सैय्यद सलाहुद्दीन अदब के सबसे बड़े खिदमतगार हैं। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को सैयद सलाहुद्दीन के संयोजन में दुबई में 22 जनवरी को आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए हिंदी और उर्दू की शाम के नाम प्रतिष्ठित कवियों शायरों का जमावड़ा होगा जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैयद सलाहुद्दीन न केवल अदब की खिदमत कर रहे हैं बल्कि प्रदेश के हिंदी कवियों को भी दुबई में प्रमोट कर रहे हैं क्योंकि हिंदी और उर्दू दोनों सगी बहने हैं और दोनों एक दूसरे की पूरक हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के नाम पर आयोजित हिंदी उर्दू कवि सम्मेलन मुशायरा का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि दुबई की धरती में भारत के लोकतंत्र और गणतंत्र का गुणगान एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें न केवल उन्हें आमंत्रित किया गया है बल्कि हिंदी कवियों में आईएएस डॉ अखिलेश मिश्र, शंभू शिखर, डॉ राकेश तूफान, एकता भारती जैसे नाम भी शामिल हैं। जो हमारे भारत की शान का गान करेंगे। हिंदी कवियों को प्रमोट करने में अहम भूमिका इस कार्यक्रम के बड़े शायर कलीम कैसर भी निभाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लिखित किताब धूप का सफर का विमोचन भी होगा। इस मौके पर स्मारिका भी प्रकाशित होगी। 175 पृष्ठों का एक आश्चर्यजनक त्रिभाषा भाषी उपहार भी जारी किया जाएगा और यह सब दुबई की धरती में होगा इसलिए सलाउद्दीन साहब को वह अदब का मसीहा मानते हैं और उनकी अद्भुत बात को बहुत बड़ा दर्जा देते हैं।

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