– नहीं होता कोई सत्यापन, मनमानी से चल रहीं बसें
विजयीपुर/फतेहपुर : देश में कोरोना कॉल संकट के दौरान प्राइवेट बसों का संचालन खूब तेजी शुरू हुआ है। तभी से इनके संचालक यात्रियों से खूब अवैध कमाई कर रहे हैं। यात्रा के दौरान यात्रियों का शारीरिक, आर्थिक शोषण किया जाता है। बसों में क्षमता से दोगुना यात्री बैठाए जाते हैं। जिससे यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होती है। पुलिस प्रशासन भी इन बसों के सत्यापन, फिटनेस की जांच की कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है।
देश में करीब दो साल पहले कोरोना काल में ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था। जिसकी वजह से प्राइवेट बस संचालक मनमानी तरीके से यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह बसें दिल्ली, मुंबई, गुजरात, सूरत, पंजाब आदि राज्यों में आती-जाती हैं। अभी तक सभी ट्रेनों का संचालन न होने से मजबूरी में यात्रियों को प्राइवेट बसों का ही सहारा लेना पड़ता है। अब यह बस संचालक किराए के दामों में दो गुना से अधिक बढ़ोतरी कर यात्रियों से अवैध कमाई कर रहे हैं। प्राइवेट बसों में यात्री कई राज्यों में आते जाते हैं, जिममें क्षमता से अधिक यात्री भार कर बसों का संचालन किया जाता है। इन प्राइवेट बसों पर एआरटीओ विभाग व पुलिस विभाग की नजर नहीं पड़ती है या जानबूझकर इन बसों को नहीं रोका टोका जाता है या विभाग बसों के कागजात भी नहीं चेक करते हैं। प्राइवेट बसों पर कार्रवाई तो पूरी तरह से शून्य है। यह प्राइवेट बस चालक जल्दी पहुंचने के चक्कर में बहुत ही स्पीड गति से बस को भगाते हैं, जिससे यात्रियों के जान का खतरा बना रहता है। इस संबंध में एसडीएम प्रभाकर पांडेय ने बताया कि एआरटीओ से बसों के फिटनेस कागज संबंधी जांच कराई जाएगी। अधिक सवारियां मिलने पर बस को सीज कर कार्रवाई की जाएगी।