• आधा दर्जन आरओ प्लांट से हर दिन निकाला जाता हजारों लीटर पानी
  • ऐरायां विकास खंड 2010 में घोषित हुआ था डार्क जोन
    खागा/फतेहपुर : तहसील क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक जगहों पर आरओ प्लांट संचालित हो रहे हैं। ड्रिंकिंग वाटर का प्लांट लगाने के लिए इसका लाइसेंस होना जरूरी है लेकिन किसी ने भी ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड लखनऊ से लाइसेंस नहीं लिया है। बिना सील बंद पानी की बिक्री पर प्रतिबंध होने के बाद भी कस्बों में दर्जनों लोग रोज डिब्बे के माध्यम से हजारों लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। इन प्लांटों से रोजाना हजारों लीटर पानी निकाला जा रहा है। इससे भूगर्भ जल स्तर पर काफी प्रभाव पड़ रहा है।
    भूगर्भ जल स्तर गिरने की वजह से वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने ऐरायां ब्लाक को डार्क जोन घोषित कर दिया था। भूगर्भ जल स्तर गिरने की वजह से लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। जहां पानी का संकट है, वहीं आरओ प्लांट बिना लाइसेंस व एनओसी के चलाए जा रहे हैं। तहसील क्षेत्र में खखरेरू, धाता, किशनपुर, सरौली, हथगाम आदि स्थानों पर अवैध तरीके से पानी बेचने के लिए प्लांट लगाए गए हैं। हैवी बोरिंग कराकर कारोबारी धरती का पानी निकालकर उसे फिल्टर करते हैं। इसके बाद उसे चिलर में डालकर ठंडा करते हैं। इसी पानी को डिब्बे में भरकर 20 रूपये में बेचते हैं। वहीं 150 से 200 फीट की बोरिंग वाले हैंडपाइप पानी छोड़ रहे हैं। बूंद-बूंद पानी के लिए गांवों के लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं तहसील क्षेत्र में कई वर्षों से आरओ का पानी बेचने का खेल शुरू है। एक भी प्लांट की अधिकारियों ने जांच नहीं की है। इस मामले पर भूगर्भ अधिकारी से संपर्क साधा गया लेकिन किसी कारणवश बात नहीं हो पाई। इसके पश्चात एसडीएम खागा प्रभाकर त्रिपाठी से बात की तो उनका कहना था कि अगर बगैर लाइसेंस के आरओ सेंटर चलाए जा रहे हैं तो जल्द ही छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी।

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