येरूसलम/ नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व में इजरायल में नई सरकार के गठन के बाद से दोनों देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय बातचीत के लिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 17 अक्टूबर को इज़राइल पहुंचे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में जानकारी दी है कि विदेश मंत्री, इजराइल सरकार में विदेश मंत्री ​की जिम्मेदारी संभाल रहे वैकल्पिक प्रधान मंत्री माननीय श्री यायर लैपिड के निमंत्रण पर इज़राइल की 4 दिवसीय (17-21 अक्टूबर) यात्रा पर हैं।

इजराइल में नई सरकार चुने जाने के बाद पहली उच्चस्तरीय बातचीत।

इज़राइल में 2019-2020 के दौरान 5 चुनाव कराए जाने के बावजूद स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर आए राजनीतिक संकट के बाद, इजराइली संसद ने एक रोटेशन प्रणाली अपनाई जिसमें वैकल्पिक प्रधान मंत्री, संसद की आधी अवधि पूरी होने पर वर्तमान प्रधान मंत्री की जगह लेंगे।

हमारे भरोसे की डोर बहुत मजबूत है: डॉo एसo जयशंकर।

डॉ. जयशंकर अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे वैकल्पिक प्रधान मंत्री यायर लैपिड के साथ बैठक करेंगे। वे प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली नई गठबंधन सरकार के प्रतिनिधियों के साथ—साथ इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग और केसेट के स्पीकर मिकी लेवी के साथ भी बैठकें करेंगे।
विदेश मंत्री ने 17 अक्टूबर को येरुशलम पहुंचने के बाद अपने पहले कार्यक्रम के तहत तालपियट स्थित समाधि स्थल पहुंचे और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
विदेश मंत्री डा0 जयशंकर ने भारत और इज़राइल के बीच व्यापारिक संबंधों की सराहना की। उन्होंने इजरायली कपंनियों के सीईओ और सरकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि भारत, इजरायल को “कई मायनों में सम्भवतः अपना सबसे भरोसेमंद और अभिनव भागीदार मानता है। उन्होंने इजरायली चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ बैठक को लाभदायक बैठक करार दिया।
व्यापारिक समुदाय के साथ बैठक के बाद एक ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा भारत के साथ अधिक साझेदारी करने के लिए उनके स्पष्ट उत्साह की सराहना करें। कोविड—19 के बाद डिजिटल, स्वास्थ्य, कृषि और हरित विकास सहित हमारी प्राथमिकता के कई स्वाभाविक क्षेत्र हैं। उन्होंने विशेष रूप से भारत की तरफ से इजराइली निवेश की राह आसान करने के साथ—साथ भारत में रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देने वाली डिजाइन की गई व्यापार अनुकूल नीतियों पर प्रकाश डाला।
पहले दिन अपनी यात्रा समाप्त करने से पहले विदेश मंत्री ने इजरायल में भारतीय मूल के यहूदी समुदाय और भारतीय विद्वानों के साथ-साथ वर्तमान में इजरायल में अपनी शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने भारत में अद्वितीय यहूदी प्रवासी का भी उल्लेख किया उन्होंने कहा— अन्य समुदायों की तरह, यह सैकड़ों वर्षों तक भारत में शांतिपूर्वक तरीके से एकसाथ रहे लेकिन अन्य यहूदी समुदायों से लंबे समय तक अलगाव के बावजूद अपनी यहूदी पहचान बनाए रखी।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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