प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया है. उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मठ के लोगों से पूछताछ कर रही है. आईजी, डीआईजी मौके पर मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव उनके बाघम्बरी मठ आश्रम में फांसी के फंदे से लटका मिला है. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का मामला लग रहा है।

इस मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बयान जारी किया है. एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला है. शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा. उनके कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशानी का जिक्र है. सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने का आरोप है. फॉरेंसिक टीम घटना स्थल की जांच कर रही है।

आपको बता दें कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने बेकाक बयानों के लिए जाने जाते थे. इसके साथ ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़े हुए थे और उन्होंने मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी. महंत नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में हुई 13 अखाड़ों की बैठक में दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था. हरिद्वार में हुए कुंभ में महंत नरेंद्र गिरि कोरोना संक्रमित भी हो गए थे.
उधर, पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरी जी का निधन, अपूरणीय क्षति है. ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।

आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य महंत आनंद गिरि ने उनके ऊपर अखाड़ा और मठ की जमीन को बेचने का सनसनीखेज आरोप लगाया था. आनंद गिरि को महंत नरेंद्र गिरि का सबसे प्रिय शिष्य माना कहा जाता था. महंत आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर ये आरोप अखाड़ा और बाघम्बरी मठ से निकाले जाने के बाद लगाए थे. आनंद गिरि ने इस मामले में अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर जांच की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई है. इसके बाद महंत नरेन्द्र गिरि ने आनंद गिरि के आरोपों को बेबुनियाद बताया था. महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि आनंद गिरि यह सब सुरक्षा पाने के लिए कर रहा है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर शिष्य ने लगाए संगीन आरोप, सीएम और पीएम को भेजा पत्र,पत्र के जरिये महंत नरेंद्र गिरि पर साल 2005 में सबसे पहले जमीन बेचने का आरोप लगाया और उसके बाद 2012 में मठ की जमीन को 40 करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाया था. साथ ही यह भी बताया कि साल 2018 में महंत नरेद्र गिरि ने मठ की 80-120 वर्ग गज जमीन उसके नाम लीज पर कर दी और उस पर पेट्रोल पंप खुलवाने की बात कही थी. लेकिन, 2020 में महंत नरेंद्र गिरि ने लीज कैंसिल कर जमीन वापस देने की बात कही, जिसका उन्होंने विरोध किया. नरेंद्र गिरि ने कहा कि वो शौक पूरा करने के लिये अपने करीबियों पर पैसे लुटाते थे. इसी वजह से आश्रम के कुछ खास शिष्यों और अपने गनर के नाम पर करोड़ों की संपत्ति जमा कराई थी. हालांकि इस मामले में बाद में आनंद गिरि ने बाद में अपने गुरु मंहत नरेंद्र गिरि से माफी मांग ली थी. जिसके बाद ये विवाद खत्म हो गया था।

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