फतेहपुर। ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए शासन प्रशासन द्वारा चाहे जितने दावे किए जा रहे हो लेकिन जमीनी हकीकत कोसों दूर नजर आ रही है… हालात यह हैं कि बारिश के दिनों में यदि कोई गांव का व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे तत्काल सेवाएं मिलना तो दूर उसे अस्पताल तक सुलभ तरीके से नहीं पहुंचाया जा सकता है… इस हाइटेक युग में एम्बुलेंस के स्थान पर मरीज को चरपाई में लादकर दो लोग बांस पर चारपाई रस्सी के सहारे लटका कर अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं…
मामला खाटू का डेरा बदलेवा मजरे सरकंडी स्थित एक पुरवा का है… यहां दलदल भरे रास्ते के कारण एम्बुलेंस का आवागमन नहीं हो पा रहा है… जिससे बीमार व्यक्ति को परिजन चारपाई पर लिटाकर अस्पताल तक ले जाते हैं… यह हाईटेक व्यवस्था तिरहार क्षेत्र के गांवों में अक्सर देखने को मिल जाती है… तिरहार क्षेत्र के मनावा व सरकंडी के तेलान बाबा खास को जाने वाला मार्ग को जोड़ता है… लगभग 5-7 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें एक दर्जन से अधिक गांव व पुरवा को जोड़ने वाला है… जिस पर 5-7 किलोमीटर के दलदल भरे रास्ते से निकलना मुश्किल है… यहां पुरवा के बीमार लोगों को चारपाई पर इलाज के लिए ले जाना मजबूरी है… सरकार ने प्रत्येक गांव को आम रास्ता से जोड़ने के लिए कई योजनाएं लागू की लेकिन तिरहार क्षेत्र में आज भी लोग रास्ता सही न होने से दलदल से चलने के लिए मजबूर हैं… सोमवार को तेली कुँवा मजरे सरकंडी के धर्मपाल पुत्र रामसेवक के बीमार होने पर इलाज के लिए परिजन चारपाई के माध्यम से फतेहपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए… सरकंडी प्रधान पुष्पा देवी ने बताया कि ग्राम सभा बडी होने के कारण एक रास्ता में पूरा पैसा लगाना संभव नहीं है… इस रास्ता के लिए कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया गया है तो मात्र अश्वासन मिलता है रोड नहीं…
