फतेहपुर। बुरे समय के लिये अपना पेट काटकर रुपये की बचत करने वाले सैकड़ों लोगों के करोड़ों रूपये सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी में भुगतान न होने की वजह से फंसे हुए हैं… समयावधि पूरी होने के बाद अपना भुगतान करवाने के लिये हर रोज खाताधारक कम्पनी के कार्यालय पहुँचते हैं… जहाँ भुगतान करने की जगह कार्यरत कर्मचारी बहानेबाजी करते हुए निवेशकों को टरका दिया जा रहा है… काफी समय से भुगतान के लिये चक्कर लगा रहे हैं… गुरुवार को छींकन टोला निवासी रमीज खान, मोहसिन खान, रिजवान खान, शाहनवाज खान आदि लोगों ने पुलिस कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल को शिकायती पत्र देते हुए मामले की जानकारी दी और कंपनी द्वारा भुगतान काराये जाने की मांग किया…
एसपी को दिए गये शिकायती पत्र में पीडि़तों ने बताया कि वर्ष 2018 में उन लोगों के द्वारा 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तीन वर्ष के लिये जमा खाता सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी में खाता खुलवाया था… जिसकी अवधि अक्टूबर 2020 में पूरी होने के बाद भुगतान किया जाना था… बताया कि भुगतान कराने को कई बार अशोका लाज स्थित कम्पनी के कार्यालय गये जहाँ मैनेजर नहीं मिलते जबकि सम्बंधित कर्मचारियों द्वारा भुगतान के विषय में कोई ठोस आश्वासन की जगह केवल टरकाया जा रहा है… जबकि नियमों को ताक पर रखकर रसूखदारों का भुगतान लागतार किया जा रहा है… उन्होंने बताया कि इसी तरह काफी निवेशकों की समयावधि पूरी होने के बाद भुगतान न होने की वजह से लोग दर-दर भटक रहे हैं और अपना ही पैसा पाने के लिये परेशान हैं… उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच कर उनका पैसा दिलाये जाने की गुहार लगाई है… बताते चले कि सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी द्वारा बचत का बेहतर रिटर्न और लाभ का लालच देकर लोगों का पैसा जमा कराया जाता है… इस कार्य के लिये कम्पनी द्वारा एजेंट नियुक्त कर उनसे छोटी-छोटी बचत करने वाले निवेशकों को लाने के लिये कहा जाता है… रोज के कमाने खाने वाले छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारियों तक छोटी बचत के बड़े लाभ के लिये संस्था में खाता खोला जाता है… कम्पनी द्वारा शुरू में नियमित भुगतान कर लोगों के बीच खास जगह बनाई गई लेकिन बाद में लॉकडाउन का बहाना बनाकर अब लोगों का भुगतान रोका जा रहा है… वहीं सूत्रों की माने तो रसूखदार खाताधारकों का भुगतान बराबर किया जा रहा है… मेच्योरिटी पूरी हो जाने के बाद जब लोग अपना भुगतान करवाने के लिये एजेंट से सम्पर्क करते हैं तो उन्हें टाल दिया जाता है… वहीं जीटी रोड स्थित कार्यालय के चक्कर लगाने पर यहां भी उन्हें टरका दिया जाता है… मैनेजर को बुलाने पर उन्हें बाहर बताया जाता है… संस्था के सैकड़ो खाताधारकों में छोटी छोटी बचत करने वाले गरीब तबके के लोग अधिक होते है जो अपना तन काटकर बुरे वक्त के लिये बचत करते है… ऐसे में सहारा कम्पनी द्वारा भुगतान न किये जाने से लोग अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं… हर रोज भुगतान की आस लेकर आने वालों एवं कार्यरत कर्मचारियों के बीच तू-तू मैं-मैं होती रहती है लेकिन लोगों को उनका ही पैसा नहीं दिया जा रहा… वहीं कम्पनी के एजेंट व कर्मचारियों द्वारा बार बार लॉकडाउन का बहाना बनाकर हमेशा की तरह लोगों को टालने की कोशिश की जा रही है… इस तरह कंपनी द्वारा सैकड़ों लोगों का भुगतान रोककर करोड़ों रूपये डूबने की कगार पर दिखाई दे रहा है… कम्पनी द्वारा की जा रही लापरवाही लोगों के बीच असंतोष लगातार बढ़ा रही है… लोगों के बीच कम्पनी के प्रति नाराजगी कर्मचारियों पर भारी पड़ सकती है…
