फतेहपुर। आपने एक कहावत सुनी होगी कि ‘कोढ़ में खाज’ जी हाँ आपने सहीं सुना.. लगभग एक वर्ष से कोरोना रूपी दानव ने सब कुछ अस्त ब्यस्त किया हुआ है.. तो वहीं दूसरी जानिब बेमौसम आये तूफान ने कोढ़ में खाज का काम किया.. जिसने किसानों की कमर ही तोड़ कर रख दी.. ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के किसानों का है.. आपको बताते चले कि यहाँ के किसान गेंहूँ व धान की फसल पर ज़्यादा तवज्जो न देकर केले की फसल को ज़्यादा प्राथमिकता देते है..

क्योंकि केले की फसल में लागत तो ज़्यादा आती है मगर केले की फसल से कमाई भी ज़्यादा होती है.. इसी लिए यहाँ के छोटे किसान भी कर्ज लेकर केले की खेती करना ज़्यादा पसंद करते है यहीं के एक स्थानी किसान किशोर कुमार चौरशिया ने मीडिया को बताया कि बेमौसम आये तूफान ने भारी तबाही मचाई है.. जिससे पूरे क्षेत्र में लगभग 300 बीघे केले की खड़ी फसल बरबाद हो गई है.. जो पूरी तरह तैयार होने के करीब थी.. केले की फसल को तैयार करने में लगभग 60 से 65 हज़ार रुपए प्रति बीघे का खर्च आता है.. इस तूफान की वजह से सब बरबाद हो गया है ज़्यादा से ज़्यादा 10 प्रतिशत ही फसल बची है..

जिससे लागत भी वापस नहीं आने वाली है.. इस दैवी आपदा की वजह से हम छोटे किसान कर्ज के बोझ के तले दब गए है.. ऐसे में अगर सरकार की तरफ से कुछ राहत मिल जाती तो हम जैसे छोटे किसानों का भला हो जाता.. वैसे क्षेत्री लेखपाल आये और देखकर चले गए हैं आगे क्या होता है अभी कुछ पता नही है.. कोरोना के कहर के साथ साथ बेमौसम आये इस तूफान ने कोढ़ में खाज का काम किया है..

By Sarvare Alam

(Editor) Sarvare Alam is Editor of VTV India (vtvindia.in) and his qualification is MAJMC.

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