भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर गुरुवार को एक डाक टिकट जारी किया.. कार्यक्रम में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर मौजूद रहे..
इस दौरान विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा, “पिछले साल, जर्मनी हिंद-प्रशांत के लिए दिशानिर्देश जारी करने वाला दूसरा यूरोपीय देश बन गया, जिसका हम स्वागत करते हैं.. ” उन्होंने कहा कि “हम स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जर्मनी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं..”
श्रृंगला ने कहा कि “यूरोपीय संघ में जर्मनी हमारे सबसे महत्वपूर्ण मित्रों में से एक है.. भारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार और निवेश समझौते पर वार्ता की शुरुआत हमारे आर्थिक संबंधों के भविष्य के लिए शुभ संकेत है..”
श्रृंगला ने यह भी कहा कि “कोविड के बाद की वैश्विक व्यवस्था को समान विचारधारा वाले देशों की ओर से एक ठोस प्रयास की आवश्यकता होगी.. जिससे नियम-आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का सभी द्वारा सम्मान किया जाए..”

भारत ने 1951 में जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध की कि थी घोषणा
श्रृंगला ने कहा कि “भारत 7 मार्च, 1951 को जर्मनी के संघीय गणराज्य के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने की घोषणा करने वाला पहला देश है.. ” उन्होंने कहा कि “उसके बाद से दोनों देशों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा..”

दोनों देशों की संस्कृति और इतिहास की पहचान बने डाक टिकट:
ये डाक टिकट दोनों देशों कि संस्कृति, विशेषता और इतिहास का प्रतिनिधित्व करते हैं.. 1969 में जर्मनी ने अपने डाक टिकट में महात्मा गांधी और 1979 में भारतीय लघु चित्रों को प्रदर्शित किया था.. वहीं भारत की ओर से 1970 में बीथोवेन, 1974 में मैक्स मुलर, 1979 में अल्बर्ट आइंस्टीन, और 1982 में रॉबर्ट कोच को प्रदर्शित किया गया था..

@शाश्वत तिवारी-वरिष्ठ पत्रकार

By Sarvare Alam

(Editor) Sarvare Alam is Editor of VTV India (vtvindia.in) and his qualification is MAJMC.

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