लखनऊ। सम्पूर्ण क्रान्ति की वर्षगांठ पर गांधी भवन में लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति और गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट, बाराबंकी के संयुक्त तत्वावधान में फेसला लिया गया कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में 25 जून 2021 से 25 जून 2022 तक नदियों के किनारे वृक्ष लगाए जाएंगे। इसकी शुरूआत बाराबंकी के रेठ नदी से होगी। इस दौरान सूबे की अन्य छोटी-छोटी नदियों के भी किनारे वृक्षारोपण का अभियान चलाया जाएगा।
शनिवार को गांधी भवन में आयोजित ‘वर्तमान परिदृश्य में सम्पूर्ण क्रान्ति’ विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष रामसेवक यादव ने की। इसकी शुरूआत मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी कुमार ने की।
इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगो ने संकल्प लिया कि हम आगामी चुनावों में दागी उम्मीदवारों को वोट नहीं देंगे। हम न तो दहेज लेंगे और न दहेज देंगे। हम न घूस लेंगे और न घूस देंगे। हम समाजिक सद्भाव और लोकतंत्र की रक्षा के कोई भी कीमत चुकाने के लिए सदैव तैयार रहेंगे।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिपाठी, उर्दू मीडिया के संपादक आमिर साबरी, समाजवादी विचारक रिजवान रज़ा, जिला बार एसोसिएसन के पूर्व अध्यक्ष बृजेश दीक्षित, सपा नेता हुमायूं नईम खान, प्रसपा नेता धनंजय शर्मा, भाजपा नेता भरत लाल सिंह, समाजसेवी अंकुर माथुर आदि ने सम्बोधित किया। गोष्ठी का संचालन हिन्दी पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।

इस अवसर पर गांधी ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने सर्वश्री विंध्यवासिनी कुमार, धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, रामसेवक यादव, अनिल त्रिपाठी, आमिर साबरी और अंकुर माथुर को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया। पर्यावरण बचाओ आन्दोलन को मिशन मानकर कर रहे अंकुर माथुर ने अपनी संस्था की ओर से सभी अतिथियों को आंवला और अमरूद का एक-एक पौधा दिया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी विंध्यवासिनी कुमार ने कहा कि जे.पी ने वसूलों का आन्दोलन चलाया। जिन सवालों को लेकर सम्पूर्ण क्रान्ति का आन्दोलन हुआ वह आज भी प्रसांगिक है। जयप्रकाश समाज में बदलाव लाना चाहते थे। कम से कम पांच वृक्ष लगाकर हम लोग वर्तमान माहौल में भी रचनात्मक बदलाव को दिशा दे सकते है। हम ऐसा करते हैं तो जेपी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम संयोजक राजनाथ शर्मा ने कहा कि पांच जून, 1974 की विशाल सभा में जयप्रकाश नारायण ने पहली बार सम्पूर्ण क्रांति आह्वान किया। जेपी ने कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में डाॅ. लोहिया की सप्त क्रांतियां सम्मलित हैं- राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रांति होती है। इसे अमल में लाना ही जेपी को वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।
लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान माहौल में कम से कम एक व्यक्ति की हर महीने मदद करिए। यह मदद ही कोरोना के इस संकट काल में एक रचनात्मक क्रान्ति है।
वरिष्ठ पत्रकार आमिर शाबरी ने कहा, ‘इंकलाब आएगा एक दिन, शर्त इतनी है मगर, बागियों जैसा तेरा अंदाज होना चाहिए।’
लोकनायक जयप्रकाश नारायण ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का उद्देश्य किसी को हटाना नहीं देश में बड़ा बदलाव लाना था। इस बदलाव की निरंतरता ही सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रति समर्पण है।
अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष रामसेवक यादव ने कहा कि सम्पूर्ण क्रान्ति की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब सरकारें और उनके प्रतिनिधि गरीबों, मजलूमों और जरूरतमंदों के बीच जाकर उनके हक हुकूक की बात करे। उन्होंने कहा कि वोट की बिक्री पाप है। इसे हर हाल में रोकना चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से अधिवक्ता विश्वेष कुमार, समाजसेवी अशोक शुक्ला, सरदार राजा सिंह, विनय कुमार सिंह, अतिकुर्ररहमान, मृत्युंजय शर्मा, मनीष सिंह, सत्यवान वर्मा, पी.के सिंह, अशोक जयसवाल, भागीरथ गौतम आदि लोग मौजूद रहे।

@शाश्वत तिवारी- वरिष्ठ पत्रकार

By Sarvare Alam

(Editor) Sarvare Alam is Editor of VTV India (vtvindia.in) and his qualification is MAJMC.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *